शनिवार, 28 दिसंबर 2019

एक नंबर विशेष पर एक मिनट में 1000 मिस्ड कॉल आने का राज?

Zee News पर दिनांक 27.12.19 को श्री सुधीर चौधरी DNA कार्यक्रम में दर्शकों को बताया कि  नागरिकता संशोधन कानून पर समर्थन के लिए एक सप्ताह तक मिस्ड कॉल का अभियान चलाया गया था। इस अभियान में देश-विदेश से एक विशेष नंबर पर एक करोड़ मिस्ड कॉल आये। इसी कार्यक्रम में उन्होंने बताया कि प्रत्येक मिनट में करीब 1000 मिस्ड कॉल आ रहे थे। पूरा कार्यक्रम देखने के लिए क्लिक करें।

क्या यह संभव है कि किसी एक विशेष नंबर पर एक मिनट में 1000 मिस्ड कॉल आए?

इस प्रश्न का उत्तर देते हुए श्री सुधीर चौधरी का कहना था कि आज के इस तकनीक युग में यह संभव है। यह SIP (Session Initiation Protocol) और VMN (Virtual Mobile Number) तकनीक के जरिए ही संभव हो सका है। 

आइए! जाने कि यह SIP  और VMN है क्या?

और यह कैसे काम करता है?

इन्हें भी देखें

SIP Trunks क्या है?

SIP Trunks उन ग्राहकों के लिए इंटरनेट पर टेलीफोन और अन्य एकीकृत संचार सेवाएं प्रदान करने की एक विधि है जिनके पास एसआईपी युक्त प्राइवेट ब्रांच एक्सचेंज (आईपी-पीबीएक्स) समाधान है। SIP वॉयस ओवर इंटरनेट प्रोटोकॉल (VoIP) और सेशन इनीशियेशन प्रोटोकॉल (SIP) दोनों का उपयोग करता है, और फिर यह पारंपरिक टेलीफोन लाइनों या PRIs (प्राइमरी रेट इंटरफेस) को बदल देता है।

SIP Trunks कैसे काम करता है?

पारंपरिक बिजनेस फोन सिस्टम में दो प्रमुख componant होते हैं। एक PBX और दूसरी PRI लाइनें। PBX कॉल प्रबंधन और ऑटो अटेंडेंट एवं वॉयसमेल जैसी सुविधाएँ प्रदान करता है, और PRI लाइनें PSTN (Public Switched Telephone Network) में कॉल कनेक्ट करती हैं, जहाँ वे destination telephone पर रूट किए जाते हैं। जब SIP Trunks का उपयोग किया जाता है, तो आईपी-युक्त PBX पीआरआई लाइनों के बजाय डेटा नेटवर्क से जुड़ता है, और वॉयस ट्रैफिक PSTN से कनेक्ट करने के लिए इंटरनेट का प्रयोग करता है। 

VMN क्या है?

VMN का पूरा नाम Virtual Mobile Number है। यह ऐसा मोबाइल फोन नंबर हैं जो किसी विशिष्ट सिम कार्ड या फोन से नहीं जुड़ा होता है। किसी standard toll free number का उपयोग करने की तुलना में VMN का उपयोग आपके व्यवसाय को और अधिक व्यक्तिगत बनाने में मदद करता है।

VMN कैसे काम करता है?

VMN ऐसी संख्याएं हैं जो नेटवर्क के भीतर मौजूद हैं और यह किसी विशेष उपयोगकर्ता को दी जाती हैं। उपयोगकर्ता तब यह तय कर सकता है कि वह उस नंबर को Main Number के रूप में use करना चाहता है या SMS messages के लिए करना चाहता है या निजी स्टाफ संख्या के लिए करना चाहता है।

VMN को बाद में किसी दूसरे नंबर पर Re-rout किया जा सकता है, जिससे यह सुनिश्चित करने की अनुमति मिलती हो कि सभी कॉल उसके माध्यम से आ रही हैं। किसी कार्य विशेष के लिए एक से अधिक VMN हो सकते हैं और उन्हें विभिन्न तरीकों से काम में लगाया जा सकता है।

इन्हीं की मदद से ZEE News ने मात्र एक सप्ताह में एक करोड़ मिस्ड कॉल प्राप्त किये।

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गुरुवार, 26 दिसंबर 2019

कंप्यूटर विजन सिंड्रोम (CVS), तो करें ये उपाय

आज के डिजिटल युग में ऐसे बहुत कम लोग होंगे जिनके पास या तो कंप्यूटर न हो, या मोबाइल न हो, या कोई अन्य डिजिटल डिवाइस न हो। कहने का आशय है कि आज अधिकांश लोग कंप्यूटर, फोन या अन्य डिजिटल डिवाइस पर कई-कई घंटे तक काम करते हैं। इससे उनके आंखों में तनाव की गंभीर समस्या हो जाती है, इसी को Computer Eye Strain या Computer Vision Syndrome कहा जाता है।

अपनी आंखों की इस समस्या के समाधान का सबसे आसान उपाय डिजिटल स्क्रीन सुरक्षा चश्मा लगाना है।

द विजन काउंसिल द्वारा किए गए हाल के शोध से पता चला है कि 59 प्रतिशत लोग जो नियमित रूप से कंप्यूटर और डिजिटल उपकरणों का उपयोग करते हैं, वे डिजिटल आई स्ट्रेन  (जिसे कंप्यूटर आई स्ट्रेन या कंप्यूटर विजन सिंड्रोम भी कहा जाता है) से ग्रसित हैं। कंप्यूटर विजन सिंड्रोम के लक्षणों में आँखों की थकान और बेचैनी, आँखों का शुष्क होना, सिरदर्द, धुंधली दृष्टि, गर्दन और कंधे का दर्द, आँखों का लाल होना शामिल है।

आज हम आपको कुछ ऐसे उपाय बताएंगे, जिससे आप आंखों के तनाव एवं कंप्यूटर विजन सिंड्रोम के अन्य सामान्य लक्षणों के जोखिम को कम कर सकते हैं:

अपने कार्यस्थल को सुव्यवस्थित करें

कंप्यूटर विजन सिंड्रोम का मुख्य कारण बैठने की खराब पोजिशन भी है। अतः अपने वर्कस्टेशन और कुर्सी को सही ऊँचाई पर एडजस्ट करें ताकि आपके पैर आराम से फर्श पर रहें। अपने कंप्यूटर की स्क्रीन की पोजिशन इस प्रकार व्यवस्थित करें कि यह आपकी आंखों से 20 से 24 इंच की दूरी पर हो। आपकी स्क्रीन का केंद्र आपके सिर और गर्दन की आरामदायक स्थिति के लिए आपकी आंखों के नीचे लगभग 10 से 15 डिग्री होना चाहिए।

प्रकाश की उचित व्यवस्था रखें

जिस स्थान पर आप अपने कंप्यूटर पर काम करते हो वहां प्रकाश की उचित व्यवस्था होनी चाहिए। कहने का आशय है कि न तो वहां अत्यधिक चमकदार रोशनी  हो और न ही खिड़की के माध्यम से बाहरी धूप आती हो, क्योंकि अत्यधिक चमकदार रोशनी के कारण या खिड़की के माध्यम से बाहरी धूप से आँखों में तनाव (Eye Strain) हो सकता है। जब हम कंप्यूटर का उपयोग करते हैं, तो प्रकाश व्यवस्था लगभग आधी होनी चाहिए जो आमतौर पर कार्यालयों में पाई जाती है।

कंप्यूटर स्क्रीन पर एंटी-ग्लेयर स्क्रीन लगाएं

आपके कंप्यूटर स्क्रीन का प्रतिबिंब भी आपकी आंख का तनाव (Eye Strain) पैदा कर सकता है। इसके लिए आप अपने कंप्यूटर स्क्रीन पर एंटी-ग्लेयर स्क्रीन लगाने पर विचार कर सकते हैं। यदि आप चश्मा पहनते हैं, तो एआर कोटिंग वाले लेंस का चश्मा पहनकर कंप्यूटर पर काम करें। एआर कोटिंग वाला चश्मा reflect करने वाले प्रकाश की मात्रा को कम करके चकाचौंध को कम करता है और इससे आपकी आंखों का तनाव (Eye Strain) कम होता है।

कंप्यूटर के डिस्प्ले सेटिंग्स को एडजस्ट करें

कंप्यूटर के Display Settings को एडजस्ट करके भी आंखों के तनाव और थकान को कम किया जा सकता है। Brightness को इस प्रकार एडजस्ट करें कि वह आपके कार्यस्थल की चमक के समान हो। टेक्स्ट के आकार और Contrast को इस प्रकार एडजस्ट करें कि उससे आपकी आंखों पर जोर न पड़ता हो। 

शुष्क आंखों के लिए पलकें बार-बार झपकाएं

कंप्यूटर पर काम करते समय पलकों को बार-बार झपकाने से आंखों के सूखापन (Eye Dryness) और जलन (Irritating) को रोकने में मदद मिलती है। होता यह है कि जब हम कंप्यूटर काम करते हैं तो कंप्यूटर स्क्रीन को एकटक देखते रहते हैं। अधिक समय तक पलकों के न झपकाने से आँखों के आँसू का लेप तेज़ी से वाष्पित होता है और इससे आँखें शुष्क हो सकती हैं। इसके अलावा, कई कार्यालयों के वातावरण में हवा शुष्क रहती है, जो आंखों के शुष्क होने की समस्या पैदा करती है। 

यदि आप अपने आंखों के शुष्क होने के लक्षणों का अनुभव करते हैं, तो अपने नेत्र चिकित्सक से इस बारे में जरूर सलाह लें। चिकित्सक की सलाह पर लुब्रिकेटिंग आई ड्रॉप नियमित रूप अपनी आंखों में डालें।

वैसे कंप्यूटर के उपयोग के दौरान आंखों के शुष्कपन को दूर करने के लिए पलकों का बार-बार झपकाना सबसे सटीक उपाय है।  हर 20 मिनट में, अपनी आँखों को बंद करके 10 बार पलकें बहुत धीरे-धीरे झपकाएँ जैसे कि सो रहे हों। यह आपकी आंखों को फिर से देखने में मदद करेगा।

आंखों का नियमित व्यायाम करें

कंप्यूटर पर काफी देर काम करने वालों को आंखों का नियमित व्यायाम करना जरूरी है। इसके लिए नेत्र चिकित्सकों की सलाह है कि हर 20 मिनट के बाद कंप्यूटर से कम से कम 20 सेकंड के लिए 20 फीट की दूर की वस्तु पर टकटकी लगाकर देखें। इसे 20-20-20 का नियम कहते हैं। दूर की वस्तु देखने से आंखों की थकान कम होती है और आंख के अंदर की मांसपेशी को आराम मिलता है। इस अभ्यास से आपके Computer Eye Strain का खतरा कम होगा। 

काम के दौरान नियमित अंतराल पर ब्रेक लें

कंप्यूटर आई सिंड्रोम, गर्दन, पीठ और कंधे के दर्द के जोखिम को कम करने के लिए कार्य के दौरान हर घंटे कम से कम 10 मिनट का ब्रेक लें। इस दौरान, तनाव और मांसपेशियों की थकान को कम करने के लिए अपने हाथों, पैरों, पीठ, गर्दन और कंधों का धीरे-धीरे व्यायाम करें, आंख बंद करके थोड़ी देर Relax की मुद्रा में बैठें। 

नियमित रूप आंख की जांच कराएं

हर साल नियमित रूप से आंखों की पूरी जांच करवाना आवश्यक है, इससे आप विजन की समस्याओं का निदान कर सकते हैं। अपने नेत्र परीक्षण के दौरान, अपने नेत्र चिकित्सक को यह बताना न भूलें कि आप अपने ऑफिस या घर पर कितनी देर तक कंप्यूटर या अन्य डिजिटल उपकरण का उपयोग करते हैं।

आप स्वयं परीक्षण करें कि जब आप अपने कंप्यूटर पर कितनी देर बैठते हैं, तो आपके कंप्यूटर स्क्रीन से आपकी आंखें कितनी दूर हैं, और इस बात को अपने नेत्र चिकित्सक को अवश्य बताएं ताकि आपका नेत्र चिकित्सक आपकी आंखों का परीक्षण इसे ध्यान में रखकर कर सके।

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शनिवार, 21 दिसंबर 2019

आपातकाल में करें Offline messenger का प्रयोग

यह एक documented facts हैं कि विभिन्न कारणों से Internet services बंद करने वाला भारत शीर्ष पांच देशों में से एक है। ये कारण देश की सुरक्षा के लिए भी हो सकते हैं और जन-जीवन की सुरक्षा के लिए भी। परन्तु इससे Emergency में किसी अपने प्रिय का हालचाल लेने में भी problem आ जाती है। अभी कल (20 दिसम्बर,2019)  नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के विरोध में जुमे की नमाज के बाद जिस तरह से नासमझ लोगों ने दंगे की स्थिति बना दी थी, उसके कारण सरकार को मजबूर होकर कुछ इलाकों की इंटरनेट सेवा बंद करनी पड़ी और देशहित तथा जनहित में यह अपरिहार्य (Unavoidable) भी था। परन्तु इससे उन लोगों को भी तकलीफ झेलनी पड़ी जो इस अव्यवस्था में शामिल नहीं थे। उन्हें इंटरनेट, कॉल एवं एसएमएस सेवा बाधित होने के कारण घर से बाहर गए अपने परिवार के सदस्यों के सुरक्षित होने की जानकारी नहीं मिल पा रही थी। ऐसे समय के लिए आज मैं कुछ Offline services के बारे में आपको जानकारी देना चाहूंगा, जिसके जरिए आप ऐसी आपात स्थिति में अपने परिजनों की सकुशलता में बारे जान सकते हैं।



यह उपयोगकर्ताओं को इंटरनेट या मोबाइल फोन कवरेज के बिना भी आसपास मौजूद device के साथ communication की सुविधा प्रदान करता है। 
FireChat ब्लूटूथ और पीयर-टू-पीयर वाईफाई का उपयोग करके एक नेटवर्क बनाता है। FireChat उन Device के बीच SMS को Offline communicate करता है जो एक दूसरे के 200 फीट के भीतर स्थित होते हैं।


य़ह ऐप सेलुलर फोन के बीच सीधा संबंध बनाता है। कनेक्शन उनके वाईफाई नेटवर्क के माध्यम से किए जाते हैं। वाईफाई से मेस बनाते समय मोबाइल फोन ऑपरेटर की कोई आवश्यकता नहीं है।

यह Open-source सॉफ्टवेयर है। इससे आप प्राइवेट फोन कॉल कर सकते हैं, सुरक्षित संदेश और डेटा भेज सकते हैं। दूरदराज के क्षेत्रों में या किसी आपदा के दौरान उपयोग करने के लिए यह आदर्श ऐप है।


Bridgefy

यह एक अन्य ऐप है जो ऑफ़लाइन काम करता है और इसका उपयोग तब किया जा सकता है जब आप किसी संगीत कार्यक्रम, प्राकृतिक आपदा या यहां तक कि विदेश यात्रा पर हों, और आप रोमिंग शुल्क का भुगतान नहीं करना चाहते हैं।

इस ऐप के माध्यम से यूजर तीन तरीकों से चैटिंग कर सकते हैं। पहला- आप एक-से-एक चैट कर सकते हैं। दूसरा- आप Mesh mode का उपयोग करके कई लोगों से जुड़ सकते हैं (वाई-फाई सिग्नल बनाकर) और तीसरा प्रसारण मोड है, जो आपके आसपास के क्षेत्र में किसी को भी संदेश भेजने की अनुमति देता है, भले ही वे आपके संपर्क सूची में हो अथवा नहीं।


यह ऐप आपको उच्च गुणवत्ता में Voice call करने की अनुमति देता है, भले ही आपके डिवाइस पर कोई कनेक्शन उपलब्ध न हो। कंपनी के अनुसार यह आपकी फ़ोन बुक तक पहुँच के लिए नहीं पूछेगा, आपको केवल WiFi, Bluetooth, माइक्रोफ़ोन और कैमरा के लिए इसकी सुविधाएँ संचालित करने के लिए अनुमति लेनी होगी।


जब आपके फोन में डेटा कनेक्शन नहीं होता है, तो Briar ऑफलाइन मैसेजिंग ऐप, फोन के बीच संदेशों को भेजने के लिए ब्लूटूथ या वाईफाई का उपयोग कर सकता है। Briar ऐप उपयोगकर्ताओं की Privacy को प्राथमिकता देता है। यह ऐप नेटवर्क से कनेक्ट होने पर टोर नेटवर्क के माध्यम से संचार करता है।

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StrandHogg Vulnerability क्या है और इससे कैसे बचें?

हाल ही में भारत के केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों को StrandHogg के बारे में एक Alert भेजा है कि वे सभी उपयोगकरताओं को अपने Android Operating System की सुरक्षा के लिए 'StrandHogg' नामक Bug की चेतावनी दें, जो real-time malware applications को genuine applications के रूप में पोज़ करके उपयोगकर्ता के सभी प्रकार के डेटा को एक्सेस करने में सक्षम बनाता है। 

आइए! जाने कि StrandHogg है क्या?

ऐप सुरक्षा में विशेषज्ञता वाली नॉर्वे की फर्म ‘प्रोमोन’ के अनुसार StrandHogg एक खतरनाक Android vulnerability मालवेयर है, जो Android Operating System में इस प्रकार घुसपैठ करता है कि वह मालवेयर एप्लिकेशन को वैध ऐप के रूप में दर्शाता है और इससे उपयोगकर्ता के सभी तरह के डेटा तक इसकी पहुंच बन जाती है।

StrandHogg संक्रमित ऐप आपके डिवाइस पर Texts को पढ़ने या यहां तक कि आपकी सहमति के बिना फ़ोटो लेने के लिए आपके फ़ोन के कैमरे तक पहुंचने में सक्षम हो जाता है। सबसे चिन्तनीय बात तो यह है कि यह Fake Login पेज भी बना सकता है, जिससे आप अनजाने ही Attacker के साथ अपना उपयोगकर्ता नाम और पासवर्ड जैसे गोपनीय विवरण साझा कर सकते हैं।

क्या इससे Android Operating System प्रभावित हो सकता है?

सुरक्षा फर्म प्रोमो के अनुसार, इस मैलवेयर को आपके डिवाइस को संक्रमित करने के लिए रूट एक्सेस की आवश्यकता नहीं है। यह उन उपकरणों को भी प्रभावित कर सकता है जो नवीनतम Android 10 संस्करण पर चल रहे हैं।

जी हां! इससे Android 10 सहित सभी संस्करण प्रभावित हो सकते हैं। इससे सभी Top 500 सबसे लोकप्रिय ऐप्स पर खतरा हो सकता है। Real-life malware आपके Android Operating System की  vulnerability को खतरा पहुंचा सकता है तथा बिना root access के ही vulnerability को exploit कर सकता है। 

vulnerability के बारे में बता दें कि यह Android Operating System वाले किसी भी डिवाइस में बिना जरूरत भी sophisticated  malware attack की अनुमति देता है। जब vulnerability किसी malware attack की अनुमति देता है तो attacker आपके सिस्टम को access करने के लिए आपसे संदेश पढ़ने, फ़ोटो देखने, आपके movement को ट्रैक करने की permission मांग सकता है। तब यह मैलवेयर उपयोगकर्ताओं की बातचीत सुन सकता है, कॉल कर सकता है, बातचीत रिकॉर्ड कर सकता है, फोटो एल्बम एक्सेस कर सकता है, संदेश पढ़ सकता है या संदेश भेज सकता है, साथ ही विभिन्न खातों में लॉगिन क्रेडेंशियल प्राप्त कर सकता है। ऐसे मालवेयर निजी फोटो, फ़ाइलों, संपर्क विवरणों, कॉल लॉग्स और लोकेशन की जानकारी तक भी पहुँच सकते हैं। 

StrandHogg करता क्या है?

फोन में पॉप-अप नोटिफिकेशन, मैसेज आदि भेजने की अनुमति मांगना, हमले शुरू करने के लिए 'StrandHogg' के मुख्य प्रवेश बिंदुओं में से एक हैं। एक ऐप जिसमें उपयोगकर्ता पहले से ही लॉग इन करने के लिए पूछ रहा है / फिर से लॉग इन करने के लिए साइबर अटैक की संभावनाओं की ओर इशारा करते हुए एक और विसंगति है। उपयोगकर्ताओं द्वारा इस तरह के अनुरोधों को मंजूरी दिए जाने के बाद, मैलवेयर विशिष्ट उद्देश्यों के लिए तुरंत मोबाइल फोन / टैबलेट का उपयोग करेगा। यह तब माइक्रोफोन को सक्रिय कर सकता है, जिससे एक हैकर को दूरस्थ स्थान पर लाइव वार्तालाप सुनने की अनुमति मिलती है और यहां तक कि दृश्य को कैप्चर करने के लिए कैमरा भी स्विच किया जा सकता है।

StrandHogg से डिवाइस को कैसे सुरक्षित रख सकते हैं?

वर्तमान में, डिवाइस पर StrandHogg को प्रभावी रूप से Block करने या उसका पता लगाने का  कोई Method नहीं है। फिर भी, एक उपयोगकर्ता के रूप में, हमें अपने डिवाइस की निम्न विसंगतियों के प्रति सतर्क रहना चाहिए:
  • क्या कोई ऐप, जिसे आपने पहले ही Login किया था, फिर से Login के लिए कह रहा है? 
  • क्या कोई ऐसा pop-up आपसे अनुमति मांग रहा है जिसमें ऐप का नाम नहीं है?
  • क्या किसी ऐसे ऐप से भी permission मांगी जा रही है, जिसके लिए उसके द्वारा मांगी गई permissions की आवश्यकता नहीं होती है, जैसे- कैलकुलेटर ऐप के लिए GPS के permission. 
  • उपयोगकर्ता इंटरफ़ेस में गलतियाँ।
  • उपयोगकर्ता इंटरफ़ेस में बटन और लिंक, जो क्लिक करने पर भी कुछ नहीं करता।
  • बैक बटन अपेक्षानुसार काम नहीं करता है। 
  • उन वेब लिंक पर क्लिक न करें जो ज्ञात या प्रामाणिक स्रोतों के माध्यम से साझा नहीं किए जाते हैं। 
  • किसी विशेष एप्लिकेशन को अतिरिक्त अनुमति न दें, और निश्चित रूप से पैसे से संबंधित खातों के लिए अपना उपयोगकर्ता नाम और पासवर्ड न डालें।

क्या StrandHogg को remove करने का उपाय है?

जी हां! बिलकुल है...

यदि आप यह पता लग जाता है कि आपका फोन strandHogg मालवेयर से संक्रमित है, तो आप...


  • डिवाइस को Factory Reset करें। 
  • Reset के बाद डिवाइस का बैकअप नहीं लें, अन्यथा, strandHogg मालवेयर आपके फोन पर वापस आ सकता है। 
  • एंटी-वायरस एप्लिकेशन डाउनलोड करें। उसे सदैव अपडेट रखें।

इस StrandHogg से बचाव का मूलमंत्र सावधानी ही बचाव है

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शनिवार, 14 दिसंबर 2019

कैसे जाने कि कंप्यूटर की ये समस्या हार्डवेयर की है या सॉफ्टवेयर की? How to know if it is hardware problem or software?

हम में से अधिकांश लोग कंप्यूटर का उपयोग करते समय कुछ common समस्याओं का सामना करते हैं। कभी-कभी हम यह नहीं समझ पाते हैं कि यह हार्डवेयर की समस्या है या सॉफ़्टवेयर की। 
आज मैं यहां आपको कंप्यूटर की इन्हीं common समस्याओं पर कुछ रोचक और महत्वपूर्ण टिप्स देने के लिए उपस्थित हुआ हूं। आप कैसे जानें कि कंप्यूटर के किस हिस्से के लिए कौन सी समस्या है? यदि आप इसकी सामान्य सी जानकारी रखते हैं कि यह किस प्रकार की समस्या है तो आप इसे आसानी से हल कर सकते हैं। इससे आपका समय और पैसा दोनों बचेगा। 


तो चलिए! आज हम इन्हीं common समस्या और उसके समाधान पर प्रकाश डालते हैः-

कंप्यूटर का ब्लू स्क्रीन  हो जाना:
एक हार्डवेयर समस्या है। हो सकता है कि मदरबोर्ड में लगे रैम dust आ गया हो। एकबार RAM को अपने स्लॉट से निकालकर साफ करके पुनः स्लॉट पर लगा कर देखें। कई बार इससे भी ब्लू स्क्रीन की समस्या का समाधान हो सकता है। यदि फिर भी ठीक न हो तो कंप्यूटर इंजीनियर को बुलाएं। 

कंप्यूटर रीस्टार्ट हो जाना:
कंप्यूटर का restart हो जाना भी एक समस्या है। यह windows के अपडेट न होने या antivirus के कारण हो सकता है। इसके अलावा यह कंप्यूटर के मदरबोर्ड, ग्राफिक्स कार्ड या नेटवर्क कार्ड ड्राइवर के कारण भी हो सकता है।  तो, सबसे पहले अपने विंडोज के अपडेट होने और एंटीवायरस की जांच करें। यदि विंडोज या एंटीवायरस की कोई समस्या नहीं है तो यह निश्चितरूप से हार्डवेयर की समस्या है। इसके समाधान के लिए मदरबोर्ड, रैम आदि पर लगे Dust को साफ करें। यदि फिर भी ठीक न हो तो कंप्यूटर इंजीनियर को बुलाएं। 

कंप्यूटर की गति धीमी होना:
कंप्यूटर का धीमा चलना, हार्डवेयर या सॉफ़्टवेयर दोनों कारणों से हो सकता है। हो सकता है कि जरूरत के मुताबिक RAM न हो या एक समय में कई प्रोग्राम रन कर रहे हो। तो सबसे पहले अपने कंप्यूटर की रैम आवश्यकतानुसार बढ़ा लें और एक समय में कम से कम प्रोग्राम खोलें। एक समय में कई प्रोग्राम चलाने से रैम मेमोरी खपत ज्यादा होती है।

प्रोग्राम कमांड काम न करना:
आपको मालूम होना चाहिए कि किसी प्रोग्राम का command  काम नही कर रहा है तो यह निश्चित रूप से सॉफ्टवेयर की समस्या है। परन्तु यदि एक से अधिक प्रोग्राम के कमांड में यही समस्या आ रही है तो हो सकता है यह हार्डवेयर के कारण हो। 

की-बोर्ड या माउस ठीक से काम न करना:
कीबोर्ड या माउस ठीक से काम न करना, हार्डवेयर या सॉफ़्टवेयर दोनों कारणों से हो सकता है। हो सकता है कि ड्राइवर ठीक से काम नहीं कर रहे हों। हो सकता है कि Port ठीक से काम नहीं कर रहे हों। तो सबसे पहले पोर्ट की जांच करें। प्लग को खोलें और फिर से इंजेक्ट करें। आशा है कि अब ये काम करने लगेंगे। यदि फिर भी ये काम नहीं कर रहे हैं तो इसमें ड्राइवर की समस्या है। ड्राइवर रन कराएं और काम शुरू करें।  

कंप्यूटर फ्रीज होना:
कंप्यूटर फ्रीज होना बहुत आम समस्या है। हम सभी को कभी न कभी इस समस्या का सामना करना पड़ा होगा। यह समस्या सॉफ्टवेयर की वजह से होती है। जब सॉफ्टवेयर डैमेज हो जाता है तो कंप्यूटर फ्रीज हो जाता है। सॉफ्टवेयर फिर से इंस्टाल करें। यदि फिर भी ठीक न हो तो कंप्यूटर इंजीनियर को बुलाएं।

विशेष फाइल का न खुलना:
कभी-कभी हमें इस तरह की समस्या का सामना पड़ता है कि कोई विशेष फाइल नहीं खुलती है। यह समस्या सॉफ्टवेयर की है। हो सकता है कि वह सॉफ्टवेयर करैप्ट या डैमेज हो गई हो। उस सॉफ्टवेयर की जांच करें और उसे फिर से इंस्टॉल करें। अब देखिए, वह विशेष फाइल खुल गई। 


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रविवार, 1 दिसंबर 2019

कंप्यूटर की गति कैसे बढ़ाएं

अक्सर हम देखते हैं कि हमारे कंप्यूटर की गति पहले की अपेक्षा काफी slow हो गई है। हम बोर होने लगते हैं और चाहते हैं कि हमारे कंप्यूटर की गति पहले की तरह ही तेज हो जाए। 

क्या हमारे कंप्यूटर की speed पहले की तरह ही तेज हो सकती है?

जी हाँ! 

काफी हद तक कंप्यूटर की गति बढ़ाई जा सकती है। इसके लिए हमें स्वयं कुछ उपाय करने होंगे।

आइए! जाने, कैसे हम अपने कंप्यूटर की गति को बढ़ा सकते हैः-

अनुपयोगी प्रोग्रामों को हटाएं (Remove unused programs)
कंप्यूटर निर्माता उन प्रोग्रामों को भी कंप्यूटर में इनबिल्ट कर देते हैं, जिनका उपयोग शायद हम कभी नहीं करते हैं। ऐसे अनुपयोगी प्रोग्रामों को आप हटा दें, क्योंकि ये कंप्यूटर की मेमोरी, डिस्क स्पेस और प्रोसेसिंग पावर का उपयोग करके कंप्यूटर की गति को धीमा करते हैं। 

अनुपयोगी प्रोग्रामों को कैसे हटाएं? How to remove the unused programs

सबसे पहले Start पर क्लिक करें। उसके बाद Control Panel पर क्लिक करें। Control Panel में Programs & Features पर क्लिक करें।


Programs & Features में आपके कंप्यूटर में प्रयोग होने वाले प्रोग्रामों की सूची दी हुई है। इनमें से अनुपयोगी प्रोग्राम को सलेक्ट करके Uninstall बटन पर क्लिक कर दें। इससे अवांछित प्रोग्राम हट जाएगा। कंप्यूटर रिस्टार्ट होने पर आप देखेंगे कि कंप्यूटर खुलने की गति में पहले की अपेक्षा सुधार हुआ है।

स्टार्टअप पर चलने वाले प्रोग्राम को सीमित करें (Limit the running program on startup)
विंडोज शुरू होने पर कई प्रोग्राम स्वचालित रूप से अंदर ही अंदर चालू हो जाते हैं, क्योंकि निर्माता कंपनी ने उन प्रोग्रामों को पृष्ठभूमि में खोलने के लिए सेट किया हुआ है, जिसे आप चलते हुए नहीं देख सकते हैं। यह उन प्रोग्रामों के लिए तो सहायक है, जिनका आप अधिकांश उपयोग करते हैं, लेकिन जिन प्रोग्रामों का आप शायद ही कभी उपयोग करते हैं या कभी नहीं करते हैं, यदि वे भी स्वचालित रूप से On है तो वे अनावश्यक रूप से आपके कंप्यूटर की memory और समय का उपयोग करते हैं, इससे भी आपको कंप्यूटर slow होता है।

क्या इसे कैसे सीमित किया जा सकता है?

जी हाँ, इसे सीमित करना काफी आसान है।

सबसे पहले की-बोर्ड के WIN key + R को दबाएं। फिर खुलने वाले पेज पर Open में msconfig टाइप करने के बाद OK क्लिक कर दें।

इसके बाद खुलने वाले पेज के Startup बटन पर क्लिक करें। इसमें आपको विंडोज चालू होते समय स्वचालित रूप से खुलने वाले प्रोग्रामों की सूची दिखाई देगी। इनमें से जिन्हें आप चाहते हैं कि वे विंडोज के साथ स्वचालित रूप से न खुलें, उन्हें अनचेक करके OK पर क्लिक कर दें। OK क्लिक करने पर आपसे कंप्यूटर रिस्टार्ट करने के बारे में पूछा जाएगा। आप OK कर दें। कंप्यूटर रिस्टार्ट होने पर आप देखेंगे कि पहले की अपेक्षा कंप्यूटर शीघ्र खुल गया। 

हार्ड डिस्क को डीफ्रैग्मेंट करें (Defragment hard disk)
डीफ्रैग्मेंटेशन से आपके हार्ड डिस्क में बनी फाइलों को सुव्यवस्थित करके अतिरिक्त जगह मिलती है, क्योंकि अव्यवस्थित फाइलें बेतरकीब ढंग से जगह घेरकर आपके कंप्यूटर को धीमा कर सकती है। डिस्क डीफ़्रेग्मेंटर खंडित डाटा को फिर से व्यवस्थित करता है ताकि आपका हार्ड डिस्क अधिक कुशलता से काम कर सके। डिस्क डीफ़्रैगमेंटर एक शेड्यूल पर चलता है, लेकिन आप अपनी हार्ड डिस्क को मैन्युअल रूप से डीफ़्रैग्मेन्ट भी कर सकते हैं।

डिस्क डीफ़्रैगमेंट कैसे करें? How to defragmentation hard disk

सबसे पहले Start पर क्लिक करें। उसके बाद All Programs क्लिक करें। तत्पश्चात Accessories में System Tools पर क्लिक करें। इसमें Disk Defragmenter पर क्लिक करें। Disk Defragmenter के विंडो में आपके कंप्यूटर के हार्ड डिस्क के सभी भाग (ड्राइव) दिखाई देंगे। इन्हें बारी-बारी से Analyze करने के बाद Defragment करें। Defragment होने के बाद कंप्यूटर रिस्टार्ट होने पर आप देखेंगे कि पहले की अपेक्षा कंप्यूटर शीघ्र खुल गया। 

हार्ड डिस्क की साफ-सफाई करें (Cleanup hard disk)
अनावश्यक फाइलें कंप्यूटर के हार्ड डिस्क पर जगह घेरती हैं और इससे आपके कंप्यूटर की गति धीमी हो जाती है। Disk Cleanup अस्थायी फ़ाइलों को हटाता है, Recycle Bin को खाली करता है, तथा विभिन्न प्रकार की सिस्टम फ़ाइलों और अन्य अवांछित फाइलों को हटा देता है जिनकी आपको अब आवश्यकता नहीं है। यदि आप अपने कंप्यूटर की गति को बनाए रखना चाहते हैं तो समय-समय पर Disk Cleanup का प्रयोग करते रहें।

डिस्क क्लीनअप कैसे करें? How to cleanup the hard disk

सबसे पहले Start पर क्लिक करें। उसके बाद All Programs क्लिक करें। तत्पश्चात Accessories में System Tools पर क्लिक करें। इसमें Disk Cleanup पर क्लिक करें। Disk Cleanup के विंडो में आपके कंप्यूटर के हार्ड डिस्क के सभी भाग (ड्राइव) दिखाई देंगे। इन्हें बारी-बारी से Select करके साफ-सफाई करें। Disk Cleanup होने के बाद कंप्यूटर रिस्टार्ट होने पर आप देखेंगे कि पहले की अपेक्षा कंप्यूटर शीघ्र खुल गया।

एक समय में कई प्रोग्राम पर काम न करें Minimum program used at a time
कभी-कभी हम कंप्यूटर पर काम करते समय अनावश्यक रूप से एकसाथ कई प्रोग्राम खोलकर काम करते हैं। बहुत अधिक प्रोग्राम एकसाथ खुले होने से कंप्यूटर की मेमोरी खपत होती है और आपके कंप्यूटर की गति में बाधा पहुंचती है। इसलिए जहां तक हो सके, केवल उन्हीं प्रोग्राम को खोलें जिनकी अधिक आवश्यकता हो।

अनावश्यक विजुअल इफैक्ट्स को बंद करें Close Unnecessary visual effects
यदि आपका कंप्यूटर धीमा चल रहा है, तो आप इसके कुछ विजुअल इफैक्ट्स को अपने हिसाब से व्यवस्थित करके इसे गति प्रदान कर सकते हैं। इसके लिए आप चुन सकते हैं कि कौन से विज़ुअल इफेक्ट्स को एक-एक करके बंद करना है। वैसे सूची में 20 विजुअल इफैक्ट्स दिए गए हैं जिन्हें आप अपने हिसाब से व्यवस्थित कर सकते हैं। इन्हें व्यवस्थित करने के लिए 4 (चार) विकल्प दिए गए हैं-
1. Lets windows choose what’s best for my computer.
2. Adjust for best appearance.
3. Adjust for best performance.
4. Custom

विजुअल इफैक्ट्स व्यवस्थित कैसे करें?

सबसे पहले Start पर क्लिक करें। उसके बाद Control Panel के बाद Performance Information and Tools पर क्लिक करें। Performance Information and Tools पेज के दाईं ओर दिए गए Adjust visual effects पर क्लिक करें। क्लिक करने से Performance Option का एक नया पेज खुलता है। इसीमें दिए उपर्युक्त 4 (चार) विकल्प में से चयन करके विजुअल इफैक्ट्स व्यवस्थित कर सकते हैं।

एंटीस्पाईवेयर और एंटीवायरस का उपयोग करें (Use anti spyware & anti virus)
यदि आपके कंप्यूटर की गति धीमी है, तो संभव है कि यह वायरस या स्पाईवेयर से संक्रमित हो। यह अन्य समस्याओं की तरह सामान्य नहीं है, लेकिन अधिक चिंता की भी बात नहीं है। एक अच्छे एंटीस्पाईवेयर एवं एंटीवायरस इंस्टाल करें और उससे वायरस या स्पाईवेयर की जांच करें।

वायरस से निपटने का सबसे अच्छा तरीका उसे आगे बढ़ने से रोकना है। एंटीवायरस सॉफ़्टवेयर को हमेशा  चलाएं और इसे अपडेट रखें। 

वर्चुअल मेमोरी का आकार बदलें Resize of virtual memory
यदि आपको चेतावनी मिलती है कि आपकी वर्चुअल मेमोरी कम है, तो आपको अपनी पेजिंग फ़ाइल का न्यूनतम आकार बढ़ाने की आवश्यकता होगी। इस संबंध में मेरा पिछला लेख देखें।


कंप्यूटर की मेमोरी बढ़ाएं Increase computer memory
सामान्यतः विंडोज 7 कंप्यूटर पर 1 गीगाबाइट (जीबी) रैम के साथ चलता है, लेकिन यदि 2 जीबी रैम हो तो यह बेहतर चलता है। अच्छी गति के लिए, इसे 3 जीबी या उससे अधिक तक बढ़ाया जा सकता है।

यदि आप इन युक्तियों को आज़माते हैं तो निश्चित रूप से आपके कंप्यूटर की गति को बढ़ाया जा सकता है।

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शुक्रवार, 29 नवंबर 2019

क्या है वो सेटिंग जिससे अश्लील सामग्री नहीं दिखेगी

भारत में युवा होती पीढ़ी में स्मार्टफोन का क्रेज बढ़ रहा है। एक अनुमान के अनुसार शहरी इलाकों में पांच करोड़ दस लाख लोगों के पास स्मार्टफोन है। एक ताजा अध्ययन के मुताबिक, 16 से 18 साल की उम्र के युवाओं में स्मार्टफोन की तादाद में पिछले साल के मुकाबले चार गुना से भी ज्यादा वृद्धि हुई है और यह पांच से बढ़ कर 22 फीसदी तक पहुंच गया है। 

युवा होती पीढ़ी में स्मार्टफोन के प्रति बढ़ता आकर्षण खतरे की घंटी भी है। यह पीढ़ी मोबाइल पर गेम खेलने या चैटिंग के साथ-साथ जिज्ञाषावश अश्लील सामग्री के प्रति भी आकर्षित हो रही है और यह माता-पिता और अभिभावकों के लिए चिंताजनक एवं सोचनीय विषय है। समय से पहले किसी चीज का ज्ञान विस्फोटक भी हो सकता है। इसे रोकने का कोई तो कोई साधन होगा। यह लेख अभिभावकों को सचेत करने से संबंधित है।

जागरूक अभिभावक स्मार्टफोन के गूगल ब्राउजर में एक सेटिंग चेंज कर दे तो अश्लील सामग्री ब्राउज नहीं की जा सकती है।

इसे कैसे करें?

आइए! इसे जाने-

सबसे पहले अपने स्मार्टफोन में गूगल ब्राउजर के होम पेज पर जाएं और नीचे दिए गए चित्र के अनुसार सेटिंग्स (Settings) पर क्लिक करें।


सेटिंग्स पर क्लिक करने पर नीचे दिए गए चित्र के अनुसार एक मीनू खुलेगा। इसमें आपको सबसे ऊपर सर्च सेटिंग्स (Search settings) पर क्लिक करना है।
सर्च सेटिंग्स पर क्लिक करते ही एक नया पेज खुलेगा। इसमें आप सबसे ऊपर से नीचे दूसरा विकल्प देखें- सेफसर्च फिल्टर्स (SafeSearch Filters)। इसमें दो विकल्प है- पहला, Show most relevant results और दूसरा, Filter explicit results. 

आपको नीचे दिए गए चित्र के अनुसार दूसरे वाले विकल्प Filter explicit results पर क्लिक करके उसका चयन कर लेना है।
                              

जब Filter explicit results ऑन होता है, तो जब भी गूगल पर कोई अश्लील सामग्री (फोटो, वीडियो और वेबसाइट) खोजी जाय तो यह फिल्टर करके  उसके परिणाम को ब्लॉक कर देता है।
Filter explicit results विकल्प का चयन करने के बाद स्क्रॉल करते हुए नीचे आएं और नीचे दिए गए सेव (Save) बटन पर क्लिक कर दें।
लीजिए! गूगल ने अब अश्लील सामग्री खोजने के लिए प्रतिबंधित कर दिया। 
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बुधवार, 27 नवंबर 2019

जाने, आपके जीमेल आईडी का प्रयोग किस-किस वेबसाइट या मोबाइल ऐप में है।

यदि आप जीमेल उपयोगकर्ता हैं और आप स्मार्टफोन धारक हैं, तो निश्चित रूप से अपने स्मार्टफोन से ही विभिन्न वेबसाइट और ऐप्स में साइन-अप किए होंगे। अब प्रश्न उठता है कि क्या आप जानते हैं कि आपने किस-किस ऐप या वेबसाइट पर अपना जीमेल एकाउंट साइन-अप किया हुआ है। वैसे भी कौन इतना याद रखता है। परन्तु हमारा गूगल बाबा सब संजोकर रखता है। आज हम आपको स्मार्टफोन के जरिए विभिन्न वेबसाइट और ऐप्स पर जीमेल एकाउंट को देखने और अवांछित वेबसाइट या ऐप्स को डिस्कनेक्ट करने के बारे में बताना चाहेंगे।

तो सबसे पहले आप अपने मोबाइल फोन के सेटिंग (Setting) में जाएं। यह सेटिंग आपको चित्र में दिए गए एक आइकन के रूप में स्क्रीन पर दिखाई देगी। इस सेटिंग आइकन पर टेप करें।


सेटिंग आइकन पर टेप करने से सेटिंग का पेज खुलता है। इसमें System Settings में आपको गूगल (Google) का आइकन दिखाई देगा। आप सर्च सेटिंग (Search setting) के जरिए या स्क्रॉल करते हुए गूगल के आइकन पर जाएं। अब आप गूगल आइकन पर टेप करें।


गूगल आइकन पर टेप करने से आपका गूगल एकाउंट दिखने लगेगा। इसमें आप एकाउंट सर्विसेज (Account services) पर टेप करें।

एकाउंट सर्विसेज में आपको सबसे पहला विकल्प ऐप्स कनेक्टेड (Apps connected) दिखेगा, उसी पर टेप करना है।

विकल्प ऐप्स कनेक्टेड पर टेप करने पर आपने जिन-जिन वेबसाइट या ऐप्स पर अपना जीमेल एकाउंट साइन-अप किया हुआ है, उसकी पूरी सूची दिखाई देने लगेगी।

इस सूची को देखें और जो वेबसाइट या ऐप्स आपको लगता है कि अब इस पर हमें दुबारा नहीं जाना है और आप चाहते हैं कि यह वेबसाइट या ऐप हमारी सूची में न रहे तो इसके लिए आप सूची में दर्शाए गए उस वेबसाइट या ऐप को टेप करें।


टेप करने से वह विशेष वेबसाइट या ऐप का आइकन एक नए पेज में खुल जाएगा तथा दाईं ओर डिस्कनेक्ट का बटन बना होगा, उस पर टेप करने से अवांछित वेबसाइट या ऐप आपकी सूची से हट जाएगा।


देखा! कितना आसान है यह जानना कि आपने किस-किस ऐप या वेबसाइट पर अपना जीमेल एकाउंट साइन-अप किया हुआ है और किस वेबसाइट या ऐप को डिस्कनेक्ट करना है।

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मंगलवार, 26 नवंबर 2019

अपने स्मार्टफोन का डाटा चोरी होने से कैसे बचाएं?

क्या आपको मालूम है कि आप अपने स्मार्टफोन पर प्रतिदिन कितना समय बिताते हैं? आइए! मैं बताता हूं कि एक व्यक्ति औसतन, प्रतिदिन स्मार्टफोन का उपयोग करते हुए चार घंटे से अधिक समय बिताता है। सुबह उठकर रात भर की अपडेट देखने के लिए व्हाट्सऐप, फेसबुक और न जाने कितने सोशल मीडिया ऐप को देखता है। आजकल तो समाचार अपडेट भी लोग अपने मोबाइल पर देखते हैं। इसके बाद मोबाइल उपयोगकर्ताओं ने अपने सभी जरूरत और दैनिक उपयोग में आने वाली सेवाओं के लिए तमाम तरह के ऐप डाउनलोड कर रखे हैं। बैंकिग सेवा हो या खरीददारी सेवा हो या रेल, हवाई टिकट बुकिंग या बिजली बिल भुगतान, जनसुनवाई हो, सभी के लिए ऐप आपके मोबाइल में मौजूद हैं। अब तो ई-एफआईआर के लिए भी ऐप आपके लिए उपलब्ध है। कहने का मतलब है कि इस स्मार्टफोन का इस्तेमाल अब हर चीज़ के लिए किया जाता है। स्मार्टफोन हमारे जीवन में एक आवश्यक दैनिक उपकरण बन गया है। अपना स्मार्टफोन खोने के विचार से ही हम सिहर उठते हैं।

इन्हें भी देखें

एक अध्ययन से पता चलता है कि नई दिल्ली और मुंबई जैसे महानगरों में प्रतिदिन सैकड़ों मोबाइल फोन चोरी हो जाते हैं। अब उस व्यक्ति से पूछिए जिसका मोबाइल फोन रास्ते में किसी ने चुरा लिया हो। उसमें कितनी महत्वपूर्ण जानकारियां हैं, उसका कोई दुरूपयोग न हो, इस आशंका में ही उसका मन घबराता है। मोबाइल फोन चोरी होने की घटना की जानकारी तो आपको तत्काल हो जाती है, परन्तु मोबाइल फोन का डाटा चोरी होने की घटना के विषय में आप लम्बे समय तक अनजान ही रहते हैं। मोबाइल फोन का डाटा आपके द्वारा गलत ऐप डाउनलोड करने से या वायरस हमला होने से चोरी हो जाता है। आइए जाने कि हम अपने स्मार्टफोन का डाटा चोरी होने से कैसे सुरक्षित रख सकते हैं।

अज्ञात वाई-फाई का उपयोग न करें


आजकल रेलवे स्टेशनों पर, हवाई अड्डों पर, बस स्टेशनों पर, शॉपिंग मॉल में आदि जगहों पर मुफ्त वाई-फाई की सुविधा उपलब्ध है। इसके अलावा भी कई जगहों पर आपको मुफ्त वाई-फाई की सुविधा होने की सूचना दी जाती है। ये सभी सुरक्षित वाई-फाई हैं या नहीं, यह आपको पता नहीं होता, परन्तु आप मुफ्त के लालच में बिना सुरक्षा जांच किए उस वाई-फाई का उपयोग करने लगते हैं। ऐसे लुभावने प्रस्ताव को जहां तक हो टाल दें और अपने स्मार्टफोन पर किसी भी अज्ञात वाई-फाई नेटवर्क का उपयोग न करें। इसका उपयोग करने से हो सकता है कि आपके मोबाइल का डाटा चोरी हो जाए और आप बैठे-बिठाये किसी मुसीबत में आ जाएं। 

अज्ञात एप्लिकेशन (ऐप्स) डाउनलोड न करें 


Google Play Store और Apple App Store पर उपलब्ध ऐप्स सत्यापित होते है तथा वाइरस स्कैन किए होते हैं। आप इन्हें अपने स्मार्टफोन से एक्सेस कर सकते हैं और किसी भी ऐप को सुरक्षित रूप से डाउनलोड कर सकते हैं। परन्तु बहुत बार आपको अपने व्हाट्सऐप पर या अन्य सोशल मीडिया पर कई लुभावने ऐप्स अज्ञात वेबलिंक के माध्यम से डाउनलोड करने को कहा जाता है। ऐसा बिलकुल भी न  करें और उनको अनदेखा कर दें। यदि ऐप स्टोर पर वह उपलब्ध नहीं है, तो इसे डाउनलोड और इंस्टॉल न करें। यदि आपने उस लुभावने ऐप को अज्ञात वेबलिंक के माध्यम से डाउनलोड कर लिया तो हो सकता यह आपके मोबाइल में मौजूद महत्वपूर्ण डाटा की चोरी कर ले और आपको पता भी न चले।

एंटी-वायरस जरूर इंस्टाल करें


आजकल लगभग सभी स्मार्टफोन प्रयोक्ता इंटरनेट का प्रयोग करते ही हैं। यदि आप वेबसाइट ब्राउज़ करते हैं और अपने स्मार्टफोन में नेट से सामग्री डाउनलोड करते हैं, तो अपने मोबाइल पर किसी अच्छे एंटी-वायरस ऐप को अवश्य इंस्टॉल करें। इसके लिए आप मोबाइल फोन के Google Play Store या Apple App Store पर जाएं और वहां से कोई एंटी-वायरस डाउनलोड करके इंस्टाल कर लें। आप देखेंगे कि वहां एवीजी, अवास्ट जैसे बहुत सारे मुफ्त एंटी-वायरस ऐप उपलब्ध हैं। हालांकि, हम आपको काफी कम राशि खर्च करके नॉर्टन या कैस्परस्की एंड्रॉइड एंटीवायरस ऐप खरीदने का परामर्श देना चाहेंगे। ये आपके मोबाइल ब्राउज़र को वायरस से सुरक्षित रखेंगे और आपको बताएंगे कि कौन सी साइट ब्राउज़ करने के लिए सुरक्षित हैं। यह आपके मोबाइट डाटा को सुरक्षित रखने में मदद करेगा।

एन्क्रिप्शन कुंजी का प्रयोग करें


एंड्रायड आपको अपने डिवाइस पर सभी डाटा को कूट (क्रिप्ट) करने की अनुमति देता है। यदि आपने मोबाइल और ऐप में इसे सक्रिय कर दिया तो हर बार डिवाइस को या ऐप को डी-कोड करने के लिए आपको पासवर्ड या पिन की आवश्यकता होगी। यह आपको थकाऊ या उबाऊ लग सकता है लेकिन अगर फोन गलत हाथों में जाता है, तो पासवर्ड या पिन के बिना डाटा तक पहुंचने का उसे कोई मार्ग नहीं मिलता। यदि मोबाइल चोरी हो गया है तो उसे रिसेट किए बिना मोबाइल नहीं खोला जा सकता। एक बार यदि मोबाइल रिसेट हो गया तो सारा डाटा गायब हो जाएगा और आपका डाटा गलत हाथों से पड़ने से बच जाएगा। इसे अपने एंड्रायड मोबाइल में मौजूद सुरक्षा सेटिंग्स के माध्यम से सक्रिय किया जा सकता है। ऐपलॉक और डॉक्यूमेंट लॉकर (एंड्रॉयड) जैसे ऐप भी मोबाइल के ऐप्स को सुरक्षित रखने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है।

मोबाइल का सॉफ्टवेयर और ऐप्स अद्यतन रखें


अपने मोबाइल फोन के सॉफ्टवेयर और एप्स को सदैव अद्यतन (अपडेट) रखें। आपने देखा होगा कि नोटिफिकेशन के माध्यम से आपको अपने मोबाइल का सॉफ्टवेयर या उसमें स्थापित ऐप्स को अपडेट करने के लिए कहा जाता है। मोबाइल कंपनी या ऐप बनाने वालों को जब भी अपने सॉफ्टवेयर में कोई  सुरक्षा खामी मिलती है तो उस सुरक्षा खामी को दूर करके मोबाइल प्रयोक्ता को सॉफ्वेयर अपडेट करने के लिए कहा जाता है। इसलिए यह बहुत जरूरी है कि आप अपने मोबाइल के ऑपरेटिंग सिस्टम (ओएस) और एप्स को अपडेट रखें। जब कोई ऐप अपडेट होता है, तो Google और Apple ऐप स्टोर के जरिए ही होता है। सभी मोबाइल प्रयोक्ता से अपेक्षा की जाती है कि वे अपने फोन सेटिंग में नोटिफिकेशन बंद नहीं करें। जब भी ऐसा नोटिफिकेशन प्राप्त होता है, उसे संंज्ञान में लेें और निर्देश के अनुसार अनुपालन करेें।


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बुधवार, 20 नवंबर 2019

लिप्यन्तरण के लिए महत्वपूर्ण ऑनलाइन साइटें Important online sites for transliteration

लिप्यंतरण मूलत: संस्कृत का शब्द है, अंग्रेजी में इसे Transliteration कहा जाता है। इसकी व्याख्या सहज शब्दों में इस तरह की जा सकती है कि लिपि का अंतर करना लिप्यंतरण कहलाता है। सामान्यतः किसी एक लेखन पद्धति में लिखे जाने वाले शब्द या पाठ को किसी अन्य लेखन पद्धति में लिखने को ही लिप्यन्तरण (transliteration) कहते हैं। 

उदाहरण के लिए यदि हमने देवनागरी (Devnagari) में कुछ लिखा और चाहते हैं कि यह रोमन या अन्य भारतीय भाषा ( Indian language) जैसे कि मलयालम, उड़िया या अन्य किसी भाषा में लिख जाए। यहां हम अपना नाम देवनागरी में लिखते हैं और देखते हैं कि वह रोमन एवं अन्य भारतीय भाषाओं में कैसे लिप्यंतरित होता है-

(देवनागरी में) मेरा नाम श्याम बाबू शर्मा है।                
(रोमन में) Mera naam shyam babu sharma hai.
(बांग्ला में) মেব়া নাম শ্য়াম বাবূ শব়্মা হৈ৻ 
(उड़िया में) ମେରା ନାମ ଶ୍ଯାମ ବାବୂ ଶର୍ମା ହୈ।
(गुरमुखी में) ਮੇਰਾ ਨਾਮ ਸ਼੍ਯਾਮ ਬਾਬੂ ਸ਼ਰ੍ਮਾ ਹੈ।
(गुजराती में) મેરા નામ શ્યામ બાબૂ શર્મા હૈ।
(कन्नड़ में) ಮೇರಾ ನಾಮ ಶ್ಯಾಮ ಬಾಬೂ ಶರ್ಮಾ ಹೈ।
(तेलुगु में) మేరా నామ శ్యామ బాబూ శర్మా హై।
(मलयालम में) മേരാ നാമ ശു്യാമ ബാബൂ ശരു്മാ ഹൈ।
(तमिल में) மேரா நாம ஶ்யாம बாबூ ஶர்மா ஹை।  
(सिंहला में) මේරා නාම ශ්යාම බාබූ ශර්මා හෛ।
(तिब्बती में) མེརཱ ནཱམ ཤ྄ཡཱམ བཱབཱུ ཤར྄མཱ ཧཻ།                                  
हिंदी सिर्फ उन्हीं लोगों तक सीमित नहीं है जिन्हें हिंदी पढ़नी आती है। ऐसे कई रसिक हैं जो देवनागरी लिपि या तो जानते नहीं हैं, या पढ़ने से कतराते हैं मगर सुन्दर अभिव्यक्ति पर सहज ही मुग्ध हो जाते हैं। हिंदी का रस इन तक क्यों न पहुंचे? जो देवनागरी पढ़ने से कतराते हैं, उनतक हम आगे बढ़ कर क्यों न मिलें? हिंदी और देवनागरी की यह बहुत बड़ी खासियत है कि जो लिखा है उससे ही शब्द का क्या उच्चारण होगा स्पष्ट निर्धारित हो जाता है। हमारे जो मित्र देवनागरी पढ़ने से कतराते हैं, उनतक हम अपनी देवनागरी में लिखी अभिव्यक्ति को रोमन लिपि में पढ़ने के लिए इन साइटों का सहारा लेकर भेज सकते हैं-



ऊपर की दोनों साइटें आपको केवल देवनागरी से रोमन लिपि में लिप्यंतरण की सुविधा देती है। इसी के उलट यदि कोई, जो देवनागरी लिपि में ठीक से नहीं लिख पाता हो, वह अपने हिंदी भाषी मित्र के पास कोई संदेश या लेख आदि भेजना चाहता है तो उसके लिए ऑनलाइन एक साइट है जिसके माध्यम से रोमन में लिखकर देवनागरी लिपि प्राप्त की जा सकती हैः-


कुछ ऐसे लोग भी हैं जिनके मित्र विभिन्न भाषाभाषी के हैं और चाहते हैं कि वे देवनागरी में अपनी अभिव्यक्ति लिखकर उन मित्रों की अपनी भाषा लिपि में भेजे तो वे इस साइट का सहारा लेकर अपनी देवनागरी लिपि में लिखी अभिव्यक्ति बांग्ला, गुजराती, गुरमुखी, कन्नड़, मलयालम, उड़िया, तमिल एवं तेलुगु में लिप्यंतरित करके भेज सकते हैं। यह साइट आपको एकल शब्द या संपूर्ण ग्रंथों के लिप्यंतरण को आसानी से बदलने की अनुमति देता है। यह विशेष रूप से तब सहायक होता है जब आप देवनागरी लिपि या रोमन लिपि का निर्माण करना चाहते हैं। 

भारतीय भाषा प्रौद्योगिकी प्रसरण एवं विस्तारण केन्द्र (Indian Language Technology Proliferation and Deployment Centre) की साइट से भी आप गुरमुखी से देवनागरी, देवनागरी से गुरमुखी, देवनागरी से उर्दू, उर्दू से देवनागरी, तेलुगु से तमिल, तमिल से तेलुगु, तमिल से देवनागरी, देवनागरी से तेलुगु, तेलुगु से देवनागरी तथा मराठी से देवनागरी में लिप्यंतरण कर सकते हैं।

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