नमस्ते दोस्तों! आपका स्वागत है तकनीकी समाधान ब्लॉग पर। आज हम एक बहुत ही महत्वपूर्ण विषय पर बात करने जा रहे हैं- Fake QR Code Scams से बचने के उपाय। QR कोड्स आजकल हर जगह इस्तेमाल हो रहे हैं, चाहे रेस्तरां में मेनू देखने के लिए, पेमेंट करने के लिए या किसी वेबसाइट पर जाने के लिए। लेकिन इनकी लोकप्रियता के साथ-साथ स्कैमर्स ने इन्हें अपना हथियार बना लिया है। इस पोस्ट में हम समझेंगे कि ये स्कैम कैसे काम करते हैं और तकनीकी रूप से इनसे कैसे बचा जा सकता है। चलिए शुरू करते हैं!
Fake QR Code Scam क्या है?
QR कोड (Quick Response Code) एक तरह का बारकोड होता है जो स्मार्टफोन कैमरा से स्कैन करके जानकारी या लिंक खोलता है। लेकिन फेक QR कोड स्कैम में स्कैमर्स असली दिखने वाले QR कोड बनाते हैं जो आपको फिशिंग साइट्स पर ले जाते हैं, जहां आपकी पर्सनल जानकारी जैसे बैंक डिटेल्स, पासवर्ड या क्रेडिट कार्ड नंबर चुराए जा सकते हैं। ये स्कैम अक्सर ईमेल, SMS, पैकेजेस या पब्लिक प्लेसेज में स्टिकर्स के रूप में आते हैं। उदाहरण के लिए, कोई पैकेज पर QR कोड लगाकर कह सकता है कि "स्कैन करके डिलीवरी ट्रैक करें", लेकिन वो आपको मालवेयर वाली साइट पर ले जाता है।
ये स्कैम कैसे काम करते हैं?
स्कैमर्स फेक QR कोड बनाते हैं जो, फिशिंग वेबसाइट्स पर रीडायरेक्ट करते हैं। मालवेयर डाउनलोड करवाते हैं। फेक ऐप्स इंस्टॉल करवाते हैं जो आपकी जानकारी चुराते हैं। पेमेंट गेटवे की नकल करके पैसे ट्रांसफर करवाते हैं।
अक्सर ये अनसॉलिसिटेड मैसेजेस से आते हैं, जैसे "आपका पार्सल आया है, स्कैन करके कन्फर्म करें"। एक बार स्कैन करने पर, आपकी डिवाइस पर खतरा मंडरा सकता है।
Fake QR Code Scam से बचने के तकनीकी उपाय
अब आते हैं मुख्य हिस्से पर – कैसे बचा जाए? यहां कुछ प्रैक्टिकल और तकनीकी टिप्स हैं जो आप अपना सकते हैं। ये टिप्स सरकारी एजेंसियों, सिक्योरिटी एक्सपर्ट्स और रिसर्च से लिए गए हैं:
अनजान सोर्स से QR कोड स्कैन न करें: कभी भी अनजान ईमेल, SMS या स्ट्रेंजर्स से आए QR कोड को स्कैन न करें। अगर कोई अनसॉलिसिटेड मैसेज आए, तो उसे इग्नोर करें। हमेशा सोर्स वेरिफाई करें, जैसे ऑफिशियल वेबसाइट या ऐप से।
URL प्रीव्यू चेक करें: iOS और Android डिवाइसेस पर QR स्कैन करते समय URL प्रीव्यू दिखता है। इसे चेक करें कि वो असली साइट है या नहीं। उदाहरण के लिए, अगर बैंक का QR है, तो URL में "bank.com" जैसा कुछ होना चाहिए, न कि कोई रैंडम डोमेन। अगर संदेह हो, तो मैन्युअली URL टाइप करके चेक करें।
थर्ड-पार्टी QR स्कैनर ऐप्स से बचें: हमेशा अपने फोन के बिल्ट-इन कैमरा ऐप से स्कैन करें। थर्ड-पार्टी ऐप्स मालवेयर से भरे हो सकते हैं। iPhone और Android दोनों में डिफॉल्ट कैमरा QR स्कैन सपोर्ट करता है।
साइट की वैलिडिटी वेरिफाई करें: स्कैन करने के बाद अगर कोई साइट खुले, तो चेक करें कि वो HTTPS इस्तेमाल कर रही है या नहीं (पैडलॉक आइकन देखें)। साथ ही, अगर पेमेंट कर रहे हैं, तो क्रेडिट कार्ड यूज करें क्योंकि वो ज्यादा प्रोटेक्टेड होता है और फ्रॉड केस में रिफंड आसान होता है। डेबिट कार्ड से बचें।
सेंसिटिव जानकारी कभी शेयर न करें: QR से खुले पेज पर कभी लॉगिन क्रेडेंशियल्स, क्रेडिट कार्ड डिटेल्स या OTP न डालें। अगर जरूरी हो, तो ऑफिशियल ऐप या वेबसाइट से क्रॉस-चेक करें।
एंटीवायरस और सिक्योरिटी सॉफ्टवेयर इस्तेमाल करें: अपने फोन पर McAfee, Norton या Avast जैसे ऐप्स इंस्टॉल करें जो मालवेयर और फिशिंग को डिटेक्ट कर सकें। ये ऐप्स QR स्कैन के दौरान अलर्ट दे सकते हैं।
फिशी लगे तो रिपोर्ट करें: अगर कोई QR स्कैम जैसा लगे, तो उसे साइबर क्राइम पोर्टल (cybercrime.gov.in) पर रिपोर्ट करें। साथ ही, फोन के OS को हमेशा अपडेट रखें ताकि सिक्योरिटी पैचेस मिलें।
ये उपाय अपनाकर आप 90% स्कैम्स से बच सकते हैं। याद रखें, तकनीक जितनी आसान है, उतनी ही सावधानी की जरूरत है!
Fake QR Code Scams से बचना मुश्किल नहीं है, बस थोड़ी जागरूकता और तकनीकी स्मार्टनेस चाहिए। हमेशा "अगर कुछ अच्छा लग रहा है तो शायद वो फेक है" वाले रूल को फॉलो करें। अगर आपको कोई अनुभव है या और टिप्स जानते हैं, तो कमेंट्स में शेयर करें। अगली पोस्ट तक, सुरक्षित रहें और तकनीक का स्मार्ट इस्तेमाल करें!
धन्यवाद!
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