मंगलवार, 26 नवंबर 2019

अपने स्मार्टफोन का डाटा चोरी होने से कैसे बचाएं?

क्या आपको मालूम है कि आप अपने स्मार्टफोन पर प्रतिदिन कितना समय बिताते हैं? आइए! मैं बताता हूं कि एक व्यक्ति औसतन, प्रतिदिन स्मार्टफोन का उपयोग करते हुए चार घंटे से अधिक समय बिताता है। सुबह उठकर रात भर की अपडेट देखने के लिए व्हाट्सऐप, फेसबुक और न जाने कितने सोशल मीडिया ऐप को देखता है। आजकल तो समाचार अपडेट भी लोग अपने मोबाइल पर देखते हैं। इसके बाद मोबाइल उपयोगकर्ताओं ने अपने सभी जरूरत और दैनिक उपयोग में आने वाली सेवाओं के लिए तमाम तरह के ऐप डाउनलोड कर रखे हैं। बैंकिग सेवा हो या खरीददारी सेवा हो या रेल, हवाई टिकट बुकिंग या बिजली बिल भुगतान, जनसुनवाई हो, सभी के लिए ऐप आपके मोबाइल में मौजूद हैं। अब तो ई-एफआईआर के लिए भी ऐप आपके लिए उपलब्ध है। कहने का मतलब है कि इस स्मार्टफोन का इस्तेमाल अब हर चीज़ के लिए किया जाता है। स्मार्टफोन हमारे जीवन में एक आवश्यक दैनिक उपकरण बन गया है। अपना स्मार्टफोन खोने के विचार से ही हम सिहर उठते हैं।

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एक अध्ययन से पता चलता है कि नई दिल्ली और मुंबई जैसे महानगरों में प्रतिदिन सैकड़ों मोबाइल फोन चोरी हो जाते हैं। अब उस व्यक्ति से पूछिए जिसका मोबाइल फोन रास्ते में किसी ने चुरा लिया हो। उसमें कितनी महत्वपूर्ण जानकारियां हैं, उसका कोई दुरूपयोग न हो, इस आशंका में ही उसका मन घबराता है। मोबाइल फोन चोरी होने की घटना की जानकारी तो आपको तत्काल हो जाती है, परन्तु मोबाइल फोन का डाटा चोरी होने की घटना के विषय में आप लम्बे समय तक अनजान ही रहते हैं। मोबाइल फोन का डाटा आपके द्वारा गलत ऐप डाउनलोड करने से या वायरस हमला होने से चोरी हो जाता है। आइए जाने कि हम अपने स्मार्टफोन का डाटा चोरी होने से कैसे सुरक्षित रख सकते हैं।

अज्ञात वाई-फाई का उपयोग न करें


आजकल रेलवे स्टेशनों पर, हवाई अड्डों पर, बस स्टेशनों पर, शॉपिंग मॉल में आदि जगहों पर मुफ्त वाई-फाई की सुविधा उपलब्ध है। इसके अलावा भी कई जगहों पर आपको मुफ्त वाई-फाई की सुविधा होने की सूचना दी जाती है। ये सभी सुरक्षित वाई-फाई हैं या नहीं, यह आपको पता नहीं होता, परन्तु आप मुफ्त के लालच में बिना सुरक्षा जांच किए उस वाई-फाई का उपयोग करने लगते हैं। ऐसे लुभावने प्रस्ताव को जहां तक हो टाल दें और अपने स्मार्टफोन पर किसी भी अज्ञात वाई-फाई नेटवर्क का उपयोग न करें। इसका उपयोग करने से हो सकता है कि आपके मोबाइल का डाटा चोरी हो जाए और आप बैठे-बिठाये किसी मुसीबत में आ जाएं। 

अज्ञात एप्लिकेशन (ऐप्स) डाउनलोड न करें 


Google Play Store और Apple App Store पर उपलब्ध ऐप्स सत्यापित होते है तथा वाइरस स्कैन किए होते हैं। आप इन्हें अपने स्मार्टफोन से एक्सेस कर सकते हैं और किसी भी ऐप को सुरक्षित रूप से डाउनलोड कर सकते हैं। परन्तु बहुत बार आपको अपने व्हाट्सऐप पर या अन्य सोशल मीडिया पर कई लुभावने ऐप्स अज्ञात वेबलिंक के माध्यम से डाउनलोड करने को कहा जाता है। ऐसा बिलकुल भी न  करें और उनको अनदेखा कर दें। यदि ऐप स्टोर पर वह उपलब्ध नहीं है, तो इसे डाउनलोड और इंस्टॉल न करें। यदि आपने उस लुभावने ऐप को अज्ञात वेबलिंक के माध्यम से डाउनलोड कर लिया तो हो सकता यह आपके मोबाइल में मौजूद महत्वपूर्ण डाटा की चोरी कर ले और आपको पता भी न चले।

एंटी-वायरस जरूर इंस्टाल करें


आजकल लगभग सभी स्मार्टफोन प्रयोक्ता इंटरनेट का प्रयोग करते ही हैं। यदि आप वेबसाइट ब्राउज़ करते हैं और अपने स्मार्टफोन में नेट से सामग्री डाउनलोड करते हैं, तो अपने मोबाइल पर किसी अच्छे एंटी-वायरस ऐप को अवश्य इंस्टॉल करें। इसके लिए आप मोबाइल फोन के Google Play Store या Apple App Store पर जाएं और वहां से कोई एंटी-वायरस डाउनलोड करके इंस्टाल कर लें। आप देखेंगे कि वहां एवीजी, अवास्ट जैसे बहुत सारे मुफ्त एंटी-वायरस ऐप उपलब्ध हैं। हालांकि, हम आपको काफी कम राशि खर्च करके नॉर्टन या कैस्परस्की एंड्रॉइड एंटीवायरस ऐप खरीदने का परामर्श देना चाहेंगे। ये आपके मोबाइल ब्राउज़र को वायरस से सुरक्षित रखेंगे और आपको बताएंगे कि कौन सी साइट ब्राउज़ करने के लिए सुरक्षित हैं। यह आपके मोबाइट डाटा को सुरक्षित रखने में मदद करेगा।

एन्क्रिप्शन कुंजी का प्रयोग करें


एंड्रायड आपको अपने डिवाइस पर सभी डाटा को कूट (क्रिप्ट) करने की अनुमति देता है। यदि आपने मोबाइल और ऐप में इसे सक्रिय कर दिया तो हर बार डिवाइस को या ऐप को डी-कोड करने के लिए आपको पासवर्ड या पिन की आवश्यकता होगी। यह आपको थकाऊ या उबाऊ लग सकता है लेकिन अगर फोन गलत हाथों में जाता है, तो पासवर्ड या पिन के बिना डाटा तक पहुंचने का उसे कोई मार्ग नहीं मिलता। यदि मोबाइल चोरी हो गया है तो उसे रिसेट किए बिना मोबाइल नहीं खोला जा सकता। एक बार यदि मोबाइल रिसेट हो गया तो सारा डाटा गायब हो जाएगा और आपका डाटा गलत हाथों से पड़ने से बच जाएगा। इसे अपने एंड्रायड मोबाइल में मौजूद सुरक्षा सेटिंग्स के माध्यम से सक्रिय किया जा सकता है। ऐपलॉक और डॉक्यूमेंट लॉकर (एंड्रॉयड) जैसे ऐप भी मोबाइल के ऐप्स को सुरक्षित रखने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है।

मोबाइल का सॉफ्टवेयर और ऐप्स अद्यतन रखें


अपने मोबाइल फोन के सॉफ्टवेयर और एप्स को सदैव अद्यतन (अपडेट) रखें। आपने देखा होगा कि नोटिफिकेशन के माध्यम से आपको अपने मोबाइल का सॉफ्टवेयर या उसमें स्थापित ऐप्स को अपडेट करने के लिए कहा जाता है। मोबाइल कंपनी या ऐप बनाने वालों को जब भी अपने सॉफ्टवेयर में कोई  सुरक्षा खामी मिलती है तो उस सुरक्षा खामी को दूर करके मोबाइल प्रयोक्ता को सॉफ्वेयर अपडेट करने के लिए कहा जाता है। इसलिए यह बहुत जरूरी है कि आप अपने मोबाइल के ऑपरेटिंग सिस्टम (ओएस) और एप्स को अपडेट रखें। जब कोई ऐप अपडेट होता है, तो Google और Apple ऐप स्टोर के जरिए ही होता है। सभी मोबाइल प्रयोक्ता से अपेक्षा की जाती है कि वे अपने फोन सेटिंग में नोटिफिकेशन बंद नहीं करें। जब भी ऐसा नोटिफिकेशन प्राप्त होता है, उसे संंज्ञान में लेें और निर्देश के अनुसार अनुपालन करेें।


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