सोमवार, 19 अप्रैल 2021

वर्क फ्रॉम होम और साइबर हमला

कोरोना महामारी एक बार पुन: हमारे जीवन में पहले की तुलना में काफी गंभीर रूप में आयी है। हमें इसे एक चुनौती के रूप में स्‍वीकार करते हुए अपने एवं परिवार के सदस्‍यों के साथ-साथ अपने सहायक उपकरणों का भी पूरा ख्‍याल रखना है। आज हम कंप्यूटरीकरण के उस महायुग में आ गए हैं, जब प्रतिदिन कार्यालय जाने की आवश्यकता नहीं है। हम घर से ही अपना कार्यालयी कार्य निष्पादित कर सकते हैं। सरकारी हो या गैर सरकारी संस्थान, आज के इस महामारी के दौर में सभी अपने कर्मचारियों के स्वास्थ्य के प्रति चिंतित हैं और उनकी सुरक्षा को ध्यान में रखकर उन्हें घर से ही काम (वर्क फ्रॉम होम) करने की सुविधा प्रदान कर रहे हैं। हो सकता है कि यह कार्यप्रणाली आगे भी कुछ दिनों- महीनों नहीं बल्कि आगे के कुछ वर्षों तक बना रहे। विशेषज्ञों का मानना है कि वर्क फ्रॉम होम के कारण साइबर सुरक्षा का जोखिम भी बढ़ा है। वीपीएन के द्वारा कार्यालय के निजी आंकड़ों को कर्मचारी अपने घर से लैपटॉप या घर पर लगे पीसी से एक्सेस कर रहे हैं। संभव है उनके पीसी में उस स्तर का फायरवॉल या सिक्योरिटी सिस्टम न हो, जो ऑफिस वाले कंप्यूटर में होता है। ऐसे में साइबर हमले की संभावना निश्चित रूप से बढ़ जाती हैं। 

इन साइबर हमलों का सामना करने के लिए हमें कुछ सुरक्षात्मक उपाय करना आवश्यक हैः-

सिस्टम अपग्रेड और अपडेट रखें

कई सरकारी एवं गैर सरकारी संस्थान अपने कुछ कर्मचारियों को घर से काम के लिए अलग सिस्टम उपलब्ध कराते हैं, लेकिन हो सकता है कि यह सुविधा सभी को उपलब्ध न हो। विशेषज्ञों के अनुसार, जो कर्मचारी कार्यालयी काम के लिए अपना पर्सनल लैपटॉप या डेस्कटॉप का उपयोग करते है, खासकर अगर उस पीसी का उपयोग घर में अन्य लोगों द्वारा या उस कर्मचारी द्वारा अपने व्यक्तिगत एवं पेशेवर कार्यों दोनों के लिए किया जा रहा है तो वे साइबर अपराधियों के सॉफ्ट टार्गेट हो सकते हैं।

आपका पहला कदम यही होना चाहिए कि आप कार्यालयी कार्य के लिए जो भी सिस्टम प्रयोग में ला रहे हैं वह अपग्रेड हो और उसमें सॉफ़्टवेयर अपडेट हों तथा सुरक्षा पैच से लैस हो।

सिक्योरिटी टूल अपडेट करें

पर्सनल कंप्यूटर में संवेदनशील डेटा स्टोर करते समय आपके पास ऐसा सिक्योरिटी टूल होना चाहिए जो मालवेयर, रेंसमवेयर या साइबर क्राइम का पता लगा सके। घर के नेटवर्क में इसके लिए अक्सर फायरवॉल और एनक्रिप्शन का उपयोग किया जाता है। फायरवॉल डिवाइस और एप्लीकेशन को साइबर हमले से बचाती है या ऐसी कोई वेबसाइट जो आपके नेटवर्क में सेंध लगाने की कोशिश करती है उसका पता लगाकर उसे रोकती है। इसलिए फायरवॉल को सदैव "ऑन" रखें। 

अपना वाईफाई पासवर्ड बदलें

हममें से अधिकांश लोग समय-समय पर अपने सोशल मीडिया अकाउंट, ईमेल और अन्य ऑनलाइन सेवाओं के पासवर्ड बदलने के प्रति जागरूक हैं, परन्तु अपने घर के वाईफाई के पासवर्ड के प्रति भी क्या हम ऐसी ही जागरूकता बरतते हैं?

हो सकता है कि आपको अपना वाईफाई पासवर्ड बदलने में कुछ असुविधाएं आएं। क्योंकि पासवर्ड बदलने का मतलब है कि उस वाईफाई से जुड़े सभी उपकरणों में फिर से उसे दर्ज करना पड़े। मगर सुरक्षा की दृष्टि से ऐसा करने की जरूरत हो तो अवश्य करें।

जब भी संदेह हो, कुछ देर के लिए वाईफाई राउटर को बंद कर दें या उसे रीसेट कर दें। मैलवेयर से छुटकारा पाने का यह एक आसान तरीका है ।

मजबूत पासवर्ड बनाएं

हर प्लेटफॉर्म पर पासवर्ड मजबूत बनाएं। मजबूत पासवर्ड से हमारा तात्पर्य है, जो आसानी से एक्सेस नहीं किया जा सके। इसके आप अल्फा-न्यूमरिक के साथ-साथ स्पेशल कैरेक्टर का इस्तेमाल कर सकते हैं। अलग-अलग अकाउंट पर एक ही पासवर्ड का इस्तेमाल करने से बचें। किसी एक वेबसाइट पर पासवर्ड लीक हो गया तो हैकर्स आपके दूसरे अकाउंट में सेंध लगा सकता है। किसी भी दूसरे व्यक्ति को अपना पासवर्ड देने से बचना चाहिए। पासवर्ड में परिवार के सदस्यों के नाम या जन्म तिथि यथासंभव बिलकुल न हो। 

दोहरी सुरक्षा व्यवस्था अपनाएं

यह संभावना हो सकती है कि हैकर ने आपके पासवर्ड की चोरी कर ली हो। यदि आपने दोहरी सुरक्षा व्यवस्था (टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन) अपनाई है तो वह पासवर्ड दानने के बाद भी आपके सिस्टम में सेंध नहीं लगा पाएगा। दोहरी सुरक्षा व्यवस्था (टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन) में पासवर्ड दर्ज करने के बाद आपके पंजीकृत मोबाइल पर एक ओटीपी आता है। जब उस ओटीपी को आप दर्ज करेंगे तभी आगे खुलेगा, वरना वहीं पर ठप हो जाएगा। दोहरी सुरक्षा व्यवस्था (टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन) सिस्टम अलर्ट के तौर पर भी काम करता है, जब कोई आपके अकाउंट में लॉगइन करने की कोशिश कर रहा हो तो आपको तुरंत चेतावनी मिल जाता है।

काम करने के बाद सिस्टम को बंद करें

हममें से अधिकांश लोगों की आदत में शुमार है कि वे काम करने के बाद अपने सिस्टम को उचित तरीके से बंद (टर्न ऑफ) नहीं करते है, विशेष रूप से लैपटॉप उपयोगकर्ता। लेकिन शायद आपको नहीं मालूम कि यदि आप उचित तरीक से अपने सिस्टम को बंद (टर्न ऑफ) करते हैं तो आप वाइरस या मैलवेयर से काफी हद तक बच सकते हैं।

लैपटॉप को उचित तरीके से बंद करने से वायरस या मैलवेयर को स्थापित होने से रोका जा सकता है। कुछ मैलवेयर इस प्रकार के होते हैं कि जो डिवाइस की स्मृति (मेमोरी) पर रहते है और जब सिस्टम को उचित तरीके से बंद किया जाता है तो वह समाप्त हो जाता है। इसे हम इस तरह भी समझ सकते हैं कि जब आप घर से बाहर निकलते हैं तो अवांछित तत्वों के प्रवेश के लिए अपने घर का दरवाजा खुला तो नहीं छोड़ते, बल्कि उस पर ताला लगाकर ही निकलते हैं। इसी तरह काम करने के बाद अपने सिस्टम को भी उचित तरीके से बंद करना न भूलें।

फर्जी ई मेल को पहचानें 

इन दिनों हैकर डब्ल्यूएचओ, कोरोना, आईसीएमआर और अन्य स्वास्थ्य संबंधी संस्थानों से जुड़े नामों के फर्जी मेल के जरिए आपके सिस्टम को हैक करने की कोशिश करते हैं। हैकर आपको कोविड टेस्ट किट, मास्क, दवाइयां आदि ऑफर कर सकते हैं। ऐसे में जरा सा भी संदेह होने पर अलर्ट हो जाएं। हैकिंग के दौरान हैकर्स आपसे संलग्नक (अटैचमेंट) पर क्लिक करने को बोल सकते हैं। ई-मेल आने पर आप डोमेन नाम, स्पेलिंग एरर और यूआरएल अवश्य जांच लें। क्योंकि यह असली से मिलता-जुलता नाम होता है, बस स्पेलिंग में छोटा सा एरर होता है। इसका एक उदाहरण देखिए- 

पहला ecobank.com तथा दूसरा ecobαnk.com

इसमे पहला सही है और दूसरा हैकर्स का है। पहली नजर से देखने में दोनों यूआरएल एक जैसे दिख रहे हैं, परन्तु इसमें हैकर्स ने “a” में पूरा खेल रचा है।

यदि हम उपर्युक्त सावधानी बरते तो घर पर काम (वर्क फ्रॉम होम) के दौरान भी साइबर हमलों से अपने सिस्टम को सुरक्षित रख सकेंगे। 

इसका प्रयोग आप स्वयं करके देखिए और यदि अच्छा लगे तो अपने अन्य मित्रो को शेयर करे और अपनी टिप्पणी अवश्य दें।

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