गुरुवार, 26 दिसंबर 2019

कंप्यूटर विजन सिंड्रोम (CVS), तो करें ये उपाय

आज के डिजिटल युग में ऐसे बहुत कम लोग होंगे जिनके पास या तो कंप्यूटर न हो, या मोबाइल न हो, या कोई अन्य डिजिटल डिवाइस न हो। कहने का आशय है कि आज अधिकांश लोग कंप्यूटर, फोन या अन्य डिजिटल डिवाइस पर कई-कई घंटे तक काम करते हैं। इससे उनके आंखों में तनाव की गंभीर समस्या हो जाती है, इसी को Computer Eye Strain या Computer Vision Syndrome कहा जाता है।

अपनी आंखों की इस समस्या के समाधान का सबसे आसान उपाय डिजिटल स्क्रीन सुरक्षा चश्मा लगाना है।

द विजन काउंसिल द्वारा किए गए हाल के शोध से पता चला है कि 59 प्रतिशत लोग जो नियमित रूप से कंप्यूटर और डिजिटल उपकरणों का उपयोग करते हैं, वे डिजिटल आई स्ट्रेन  (जिसे कंप्यूटर आई स्ट्रेन या कंप्यूटर विजन सिंड्रोम भी कहा जाता है) से ग्रसित हैं। कंप्यूटर विजन सिंड्रोम के लक्षणों में आँखों की थकान और बेचैनी, आँखों का शुष्क होना, सिरदर्द, धुंधली दृष्टि, गर्दन और कंधे का दर्द, आँखों का लाल होना शामिल है।

आज हम आपको कुछ ऐसे उपाय बताएंगे, जिससे आप आंखों के तनाव एवं कंप्यूटर विजन सिंड्रोम के अन्य सामान्य लक्षणों के जोखिम को कम कर सकते हैं:

अपने कार्यस्थल को सुव्यवस्थित करें

कंप्यूटर विजन सिंड्रोम का मुख्य कारण बैठने की खराब पोजिशन भी है। अतः अपने वर्कस्टेशन और कुर्सी को सही ऊँचाई पर एडजस्ट करें ताकि आपके पैर आराम से फर्श पर रहें। अपने कंप्यूटर की स्क्रीन की पोजिशन इस प्रकार व्यवस्थित करें कि यह आपकी आंखों से 20 से 24 इंच की दूरी पर हो। आपकी स्क्रीन का केंद्र आपके सिर और गर्दन की आरामदायक स्थिति के लिए आपकी आंखों के नीचे लगभग 10 से 15 डिग्री होना चाहिए।

प्रकाश की उचित व्यवस्था रखें

जिस स्थान पर आप अपने कंप्यूटर पर काम करते हो वहां प्रकाश की उचित व्यवस्था होनी चाहिए। कहने का आशय है कि न तो वहां अत्यधिक चमकदार रोशनी  हो और न ही खिड़की के माध्यम से बाहरी धूप आती हो, क्योंकि अत्यधिक चमकदार रोशनी के कारण या खिड़की के माध्यम से बाहरी धूप से आँखों में तनाव (Eye Strain) हो सकता है। जब हम कंप्यूटर का उपयोग करते हैं, तो प्रकाश व्यवस्था लगभग आधी होनी चाहिए जो आमतौर पर कार्यालयों में पाई जाती है।

कंप्यूटर स्क्रीन पर एंटी-ग्लेयर स्क्रीन लगाएं

आपके कंप्यूटर स्क्रीन का प्रतिबिंब भी आपकी आंख का तनाव (Eye Strain) पैदा कर सकता है। इसके लिए आप अपने कंप्यूटर स्क्रीन पर एंटी-ग्लेयर स्क्रीन लगाने पर विचार कर सकते हैं। यदि आप चश्मा पहनते हैं, तो एआर कोटिंग वाले लेंस का चश्मा पहनकर कंप्यूटर पर काम करें। एआर कोटिंग वाला चश्मा reflect करने वाले प्रकाश की मात्रा को कम करके चकाचौंध को कम करता है और इससे आपकी आंखों का तनाव (Eye Strain) कम होता है।

कंप्यूटर के डिस्प्ले सेटिंग्स को एडजस्ट करें

कंप्यूटर के Display Settings को एडजस्ट करके भी आंखों के तनाव और थकान को कम किया जा सकता है। Brightness को इस प्रकार एडजस्ट करें कि वह आपके कार्यस्थल की चमक के समान हो। टेक्स्ट के आकार और Contrast को इस प्रकार एडजस्ट करें कि उससे आपकी आंखों पर जोर न पड़ता हो। 

शुष्क आंखों के लिए पलकें बार-बार झपकाएं

कंप्यूटर पर काम करते समय पलकों को बार-बार झपकाने से आंखों के सूखापन (Eye Dryness) और जलन (Irritating) को रोकने में मदद मिलती है। होता यह है कि जब हम कंप्यूटर काम करते हैं तो कंप्यूटर स्क्रीन को एकटक देखते रहते हैं। अधिक समय तक पलकों के न झपकाने से आँखों के आँसू का लेप तेज़ी से वाष्पित होता है और इससे आँखें शुष्क हो सकती हैं। इसके अलावा, कई कार्यालयों के वातावरण में हवा शुष्क रहती है, जो आंखों के शुष्क होने की समस्या पैदा करती है। 

यदि आप अपने आंखों के शुष्क होने के लक्षणों का अनुभव करते हैं, तो अपने नेत्र चिकित्सक से इस बारे में जरूर सलाह लें। चिकित्सक की सलाह पर लुब्रिकेटिंग आई ड्रॉप नियमित रूप अपनी आंखों में डालें।

वैसे कंप्यूटर के उपयोग के दौरान आंखों के शुष्कपन को दूर करने के लिए पलकों का बार-बार झपकाना सबसे सटीक उपाय है।  हर 20 मिनट में, अपनी आँखों को बंद करके 10 बार पलकें बहुत धीरे-धीरे झपकाएँ जैसे कि सो रहे हों। यह आपकी आंखों को फिर से देखने में मदद करेगा।

आंखों का नियमित व्यायाम करें

कंप्यूटर पर काफी देर काम करने वालों को आंखों का नियमित व्यायाम करना जरूरी है। इसके लिए नेत्र चिकित्सकों की सलाह है कि हर 20 मिनट के बाद कंप्यूटर से कम से कम 20 सेकंड के लिए 20 फीट की दूर की वस्तु पर टकटकी लगाकर देखें। इसे 20-20-20 का नियम कहते हैं। दूर की वस्तु देखने से आंखों की थकान कम होती है और आंख के अंदर की मांसपेशी को आराम मिलता है। इस अभ्यास से आपके Computer Eye Strain का खतरा कम होगा। 

काम के दौरान नियमित अंतराल पर ब्रेक लें

कंप्यूटर आई सिंड्रोम, गर्दन, पीठ और कंधे के दर्द के जोखिम को कम करने के लिए कार्य के दौरान हर घंटे कम से कम 10 मिनट का ब्रेक लें। इस दौरान, तनाव और मांसपेशियों की थकान को कम करने के लिए अपने हाथों, पैरों, पीठ, गर्दन और कंधों का धीरे-धीरे व्यायाम करें, आंख बंद करके थोड़ी देर Relax की मुद्रा में बैठें। 

नियमित रूप आंख की जांच कराएं

हर साल नियमित रूप से आंखों की पूरी जांच करवाना आवश्यक है, इससे आप विजन की समस्याओं का निदान कर सकते हैं। अपने नेत्र परीक्षण के दौरान, अपने नेत्र चिकित्सक को यह बताना न भूलें कि आप अपने ऑफिस या घर पर कितनी देर तक कंप्यूटर या अन्य डिजिटल उपकरण का उपयोग करते हैं।

आप स्वयं परीक्षण करें कि जब आप अपने कंप्यूटर पर कितनी देर बैठते हैं, तो आपके कंप्यूटर स्क्रीन से आपकी आंखें कितनी दूर हैं, और इस बात को अपने नेत्र चिकित्सक को अवश्य बताएं ताकि आपका नेत्र चिकित्सक आपकी आंखों का परीक्षण इसे ध्यान में रखकर कर सके।

आपको यह पोस्ट कैसी लगी? हमें जरूर बताइएगा। 
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धन्यवाद

4 टिप्‍पणियां:

  1. काफी ज्ञानवर्धक जानकारी है। साधुवाद।

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  2. सरल और सहज हिंदी में आपका लेख सबको आसानी में समाज आ जाता है। अगले लेख की प्रतीक्षा रहेगी।

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