मंगलवार, 14 अक्टूबर 2025

गूगल की नई AI तकनीक: क्या आपका व्यक्तिगत डेटा चोरी हो रहा है?

 नमस्ते, तकनीकी समाधान ब्लॉग के पाठकों! 

आज हम एक ऐसे विषय पर बात करेंगे जो हर इंटरनेट यूजर की चिंता का विषय बन चुका है। गूगल की नई AI तकनीकें, जैसे कि Gemini AI, जो अब Bard का अपग्रेडेड वर्जन है, ने दुनिया को बदल दिया है। ये तकनीकें हमें स्मार्ट सर्च, ऑटोमेटेड असिस्टेंस और पर्सनलाइज्ड अनुभव प्रदान करती हैं। लेकिन क्या ये AI टूल्स हमारे व्यक्तिगत डेटा को चोरी कर रही हैं? आइए इसकी गहराई में उतरें और कुछ तकनीकी समाधान भी जानें।

गूगल की नई AI तकनीकें क्या हैं?

गूगल ने हाल के वर्षों में AI के क्षेत्र में तेजी से प्रगति की है। 2023 से 2025 तक, Gemini AI सबसे प्रमुख तकनीक बनकर उभरी है, जो मल्टीमॉडल AI है – मतलब यह टेक्स्ट, इमेज, वीडियो और कोड को समझ सकती है। गूगल ने इसे Chrome, Google Messages और Phone ऐप्स में इंटीग्रेट किया है, जहां AI स्कैम डिटेक्शन और स्पैमी नोटिफिकेशंस से लड़ने के लिए इस्तेमाल होता है।

इसके अलावा, Gemini Cloud Assist और Search Personalization Model जैसी फीचर्स यूजर्स को बेहतर सर्च रिजल्ट्स देते हैं। लेकिन इनकी लोकप्रियता के साथ ही गोपनीयता की चिंताएं भी बढ़ी हैं।

डेटा चोरी की चिंताएं: क्या हो रहा है?

हाल की रिपोर्ट्स से पता चलता है कि गूगल पर कई बार डेटा मिसयूज के आरोप लगे हैं। उदाहरण के लिए, 2023 में एक मुकदमे में आरोप लगाया गया कि गूगल ने लाखों यूजर्स का डेटा बिना सहमति के स्क्रैप किया और कॉपीराइट का उल्लंघन किया।

2025 में, Gemini AI में तीन vulnerabilities पाई गईं, जो Gemini Cloud Assist, Search Personalization Model और Browsing Tool को प्रभावित करती हैं। इनसे यूजर्स का डेटा थेफ्ट का खतरा बढ़ जाता है।  

Reddit जैसी प्लेटफॉर्म्स पर यूजर्स चर्चा कर रहे हैं कि AI टूल्स स्पायवेयर की तरह काम करते हैं, जहां कंपनियां जैसे गूगल और माइक्रोसॉफ्ट फाइन-ग्रेन डेटा कलेक्ट करती हैं।

एक और चौंकाने वाली बात: गूगल के AI में एक बग पाया गया जो malicious prompts की अनुमति देता है, जो दिखने में वैध Google Security अलर्ट्स जैसा लगता है। इसके अलावा, गूगल और माइक्रोसॉफ्ट पर आरोप है कि वे ईमेल्स, मैसेजेस और प्राइवेट फोटोज को AI सिस्टम्स में अब्जॉर्ब कर रहे हैं।

हाल ही में, गूगल ने अपनी हेल्थ बेनिफिट्स पॉलिसी में बदलाव किया, जहां कर्मचारियों को थर्ड-पार्टी AI टूल के साथ पर्सनल डेटा शेयर करना पड़ता था, लेकिन बैकलैश के बाद इसे रिवर्स किया गया।

ये उदाहरण दिखाते हैं कि AI के विकास में डेटा प्राइवेसी अक्सर पीछे छूट जाती है। गूगल का कहना है कि वे AI का इस्तेमाल स्कैम्स से लड़ने के लिए कर रहे हैं, लेकिन adversarial misuse के मामले भी सामने आए हैं, जहां थ्रेट एक्टर्स Gemini वेब ऐप का दुरुपयोग कर रहे हैं।

तकनीकी समाधान: अपनी गोपनीयता कैसे बचाएं?

अब बात समाधानों की। तकनीकी समाधान ब्लॉग पर हम हमेशा प्रैक्टिकल टिप्स देते हैं। यहां कुछ स्टेप्स हैं जो आप अपना डेटा सुरक्षित रखने के लिए अपनाएं:

1.  गूगल अकाउंट सेटिंग्स चेक करें: My Account > Data & Privacy में जाएं और "Web & App Activity" को ऑफ करें। इससे AI ट्रेनिंग के लिए आपका डेटा इस्तेमाल नहीं होगा।

2. VPN का इस्तेमाल: एक विश्वसनीय VPN जैसे ExpressVPN या NordVPN यूज करें। यह आपके IP को हाइड करता है और डेटा ट्रांसमिशन को एन्क्रिप्ट करता है, जिससे AI टूल्स द्वारा ट्रैकिंग मुश्किल हो जाती है।

3. AI टूल्स में ऑप्ट-आउट: Gemini AI में, सेटिंग्स से "Personalization" को डिसेबल करें। अगर आप Chrome यूज करते हैं, तो एक्सटेंशन्स जैसे uBlock Origin इंस्टॉल करें जो ट्रैकर्स को ब्लॉक करता है।

4. डेटा बैकअप और एनक्रिप्शन: अपने पर्सनल डेटा को एन्क्रिप्टेड क्लाउड जैसे Proton Drive पर स्टोर करें, न कि गूगल ड्राइव पर।

5. अपडेट्स और पैच: हमेशा लेटेस्ट सॉफ्टवेयर यूज करें, क्योंकि vulnerabilities जैसे Gemini की बग्स को पैच किया जाता है।

ये समाधान सरल हैं लेकिन प्रभावी। याद रखें, AI का फायदा लें, लेकिन अपनी गोपनीयता पर नजर रखें।

निष्कर्ष

गूगल की AI तकनीकें अद्भुत हैं, लेकिन डेटा चोरी की चिंताएं वास्तविक हैं। मुकदमों, vulnerabilities और यूजर फीडबैक से साफ है कि कंपनियां डेटा कलेक्शन में ज्यादा आक्रामक हो रही हैं। लेकिन सही तकनीकी समाधानों से आप खुद को सुरक्षित रख सकते हैं। अगर आपके पास कोई अनुभव या सवाल है, तो कमेंट्स में बताएं। तकनीकी समाधान ब्लॉग पर मिलते रहेंगे ऐसे और आर्टिकल्स!

धन्यवाद पढ़ने के लिए! 

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